सोमवार, 24 दिसंबर 2007

बच्चों का मानसिक संरक्षण

हल्द्वानी २५ दिस, २००७, गीत एजुकेशन अकादमी के तत्वाधान में आयोजित “बच्चों का मानसिक संरक्षण” विषय पर विचार गोष्ठी में आशुतोष पाण्डेय ने कहा कि बच्चों के पूर्ण विकास के लिए उनके समन्वित विकास पर जोर देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश के बच्चे शारीरिक, मानसिक, ओर बौद्धिक रुप से पिछडे हें। प्रतियोगिता के इस दौर में हम अपने बच्चों को दौडा तो रहे हैं पर उनके पूर्ण विकास के लिए मात्र उनसे वादे ही कर पा रहें हैं. महज स्कूली शिक्षा उनका भला नहीं कर सकती है, हमें अपनी मैकाले कालीन शिक्षा व्यवस्था को बदलना ही पड़ेगा. कुमारी अंजू सैमुअल ने कहा कि अगर हम अपने बच्चों का सही विकास चाहतें हैं तो हमें सही दिशा में व्यापक प्रयास करने होंगे आज हमारी आवश्यकता एक ऊँची शिक्षा नही बल्कि प्रतियोगिता के लिए तैयार करने वाली एक उपयोगी शिक्षा होनी चाहिए. उन्होने कहा की मात्र सरकारी प्रयासों से बच्चों की स्तिथि नहीं बदली जा सकती है. इसके लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर से प्रयास करने चाहिऐ. अन्य वक्ताओं पवन शर्मा, निधि तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. गोष्ठी की अध्यक्षता आशुतोष पाण्डेय ओर संचालन अंजू सैमुअल ने किया।

(इनसाईट स्टोरी टीम)

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