शनिवार, 16 जनवरी 2010

उफ़ ये ठण्ड


उफ़ ये ठण्ड! इस बार कई सालों लोग ये कहते नजर आ रहे हैं. एक ओर दुनिया भूकंप से काँप रही है वहीं दूसरी ओर इस बार ठण्ड भी जानलेवा हो रही है. हमने जब इस ठण्ड पर कुछ लोगों की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो  बुजुर्ग  सबसे ज्यादा चिंतित दिखे. उनका कहना है की एक ओर बुढ़ापा और दूसरी ओर ये ठण्ड, कई प्रकार की परेशानियां एक साथ शुरू. यही हाल स्कूल जाने वाले बच्चों का भी है. उनकी अपनी परेशानियां हैं लेकिन वो चाहतें हैं की ये ठंडा कायम रहे और कुछ छुट्टियाँ और मिलें. सबसे बुरा हाल मजदूरी करने वाले उन मजदूरों का है जो दिन भर कमा शाम को परिवार के गुजारे के लिए कमाते हैं. एक तो इस ठण्ड में काम ही नहीं मिलता है, अगर कहीं मिल भी जाय तो ये कम्बखत ठण्ड काम करना मुश्किल. मौसम वैज्ञानिक भी इस वर्ष की ठण्ड को काफी आश्चर्य-चकित करने वाली बता रहें हैं. खैर कुछ भी हो कई सालों बाद इस मौसम की वापसी हुई है. हमें इसका स्वागत करना छहिए बशर्ते की ये ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम न हो.
इनसाईट स्टोरी टीम

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