शनिवार, 11 जून 2011

रामदेव विवाद: कांग्रेस दोफाड़

बाबा  रामदेव के मुद्दे पर कांग्रेस और सरकार के बीच पहले दिन से ही दोफाड़ की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस संदेश’ के ताजे अंक में सरकार के उन चार मंत्रियों की तीखी आलोचना छपी है, जो बाबा रामदेव से मिलने एयरपोर्ट गए थे। इस पत्रिका को वितरण केन्द्रों से ही वापस मगा लिया गया है. संदेश के संपादकीय में चार मंत्रियों के  हवाई अड्डे पर जाने के सवाल पर प्रश्नचिंह लगाया गया है. संपादकीय में कहा गया कि हालांकि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सिविल सोसायटी की मांगों पर सहानुभूति से विचार करे लेकिन चुनी हुई सरकार की पूरी मर्यादा रखी जाना चाहिए और सरकार के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। पत्रिका के संपादक अनिल शास्त्री हैं। जैसे ही यह मामला वरिष्ठ नेताओं की जानकारी में आया, इसका वितरण रोक दिया गया है। नेताओं ने संपादक अनिल शास्त्री के साथ बैठक भी की, लेकिन उसमें कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। अनिल शास्त्री भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री के बेटे हैं। हालांकि बाबा रामदेव के मुद्दे पर पार्टी नेता दिग्विजय सिंह शुरु से ही रामदेव विरोधी लाइन पर चल रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें अनशन न करने से मनाने की पूरी कोशिश की। चार मंत्री एयरपोर्ट पर गए और उनसे बातचीत की। हाल ही में दिग्विजय सिंह ने फिर एयरपोर्ट गए सभी मंत्रियों पर अंगुली उठाई थी. यह संभवतः पहली बार है कि करीब एक दशक से प्रकाशित हो रही इस पत्रिका में छपे लेख या संपादकीय के कारण विवाद हुआ है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को न तो मंत्रियों के एयरपोर्ट पर जाकर बाबा रामदेव से मिलने की जानकारी थी और न ही रामलीला मैदान पर हुई पुलिसिया कार्रवाई पर उन्हें विश्वास में लिया गया। वे इस मुद्दे पर मंत्रियों के साथ हुई बैठक में अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुकी हैं। 
(इनसाईट स्टोरी नई दिल्ली) 

1 टिप्पणी:

vandana gupta ने कहा…

यही दोहरी राजनीति होती है …………सब करने के बाद कह तो हमे तो पता ही नही था हमे तो विश्वास मे लिया ही नही…………अब इस कांग्रेस का अन्त होना ही चाहिये।