गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

अन्ना हजारे अनशन अपडेट:

अन्ना हजारे अनशन अपडेट:
इनसाईट स्टोरी, अन्ना के अनशन को ख़त्म करवाने के लिए जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय एक नया पैकेज ला रहा है. अन्ना के समर्थन में लोगों के बढ़ते हुजूम को देखकर तुरंत कोई कदम उठाने आवश्यक हो गए हैं. जन लोकपाल विधेयक को संसद के आगामी सत्र में लाने  का आश्वासन तो दिया ही जा सकता है. अन्ना ने एक न्यूज चैनल को दिए अपने एक वक्तव्य में कह डाला की "सरकार सत्ता के मद में चूर है", लेकिन सच तो यह है की यदि सरकार इस विधेयक को सदन में लाती भी है तो क्या इसे पास करा पायेगी?
आम जनता का एक बड़ा वर्ग तो ये भी नहीं जनता अन्ना कौन हैं, हमने जब इस मुहिम के बारे में लोगों की राय  जाननी चाही तो लोगों का पहला सवाल था "ये अन्ना हजारे कौन हैं"? हाँ कुछ लोग इस बारे में उत्साहित दिखे, उनमें से एक महानुभाव जो अपने बच्चे के एड्मिसन के लिए २०,००० रूपया डोनेशन देकर स्कूल से बाहर आ रहे थे उनके जज्बात " भ्रष्टाचार के खिलाफ हम अन्ना का साथ देंगे मैंने आज ही २५ मिस काल कर अन्ना का समर्थन किया". जब हमने उनसे वो २०,००० वाली बात पूछी तो बिना उत्तर दिए कार के शीशे चढ़ा चल दिए, ऐसे लोग भी हैं अन्ना के समर्थक.
खैर अभी की अपडेट आपके लिए, जल्द ही अन्ना से सरकार बातचीत के लिए वातावरण तैयार कर रही है इसके फार्मूले पर विचार किया जा रहा जिससे तत्काल स्थिति को नियंत्रित किया जा सके.

इनसाईट स्टोरी अपडेट डेस्क 

अनशन छोड़िये, छडी उठाइए और इस देश की भ्रष्ट आत्मा को सुधारिए.

अन्ना हजारे का अनशन जारी है..... लेकिन कब तक रहेगा. कुछ ही दिनों में इसे समाप्त करवा दिया जाएगा, उधर शायद अन्ना भी ये जानते हैं की इस प्रकार के आन्दोलनों का क्या हश्र होता है? लोकपाल क़ानून बने, बनना भी चाहिए, लेकिन अन्ना ये कहते हैं की इसके लिए जो कमेटी बने उसमें आधे गैर राजनीतिज्ञ हों.
पहला सवाल: गैर राजनितिक कौन है? जो संसद में बैठा है क्या उसे ही राजनेता कहा जाएगा?
दूसरा सवाल: क्या अन्ना राजनितिक सोच नहीं रखतें हैं?
तीसरा सवाल: क्या गारंटी है की गैर राजनितिक शत प्रतिशत ईमानदार हैं? जरा देश में होने वाले चुनावों को देखिएगा, पंचायत से लेकर संसद तक चुनावों में वोट देने के लिए आम आदमी अपना वोट बेचता है.
व्यापारी टैक्स की चोरी में सबसे आगे हैं?
नौकरशाह भी भ्रष्ट हैं?
मीडिया वाले प्रेस लिखकर नियम कानूनों के धुर्रे उड़ाते हैं?
न्यायपालिका के ऊपर भी लगातार सवाल उठते हैं?
तो कौन होगा इस लोकपाल लागू करवाने वाला?
अन्ना कहा से लायेंगे ईमानदार लोगों को?
क्या अन्ना ये नहीं जानतें हैं?
अगर नहीं तो जानना चाहिए.
जानते हैं तो पहले इस देश की जनता को
शुचिता सिखानी पड़ेगी.
अनशन छोड़िये, छडी उठाइए और इस देश की भ्रष्ट आत्मा को सुधारिए.