मंगलवार, 10 जुलाई 2012

तन्हाई में हो तो मुझसे दिल की बातें करें


मुझसे दोस्ती करोगे! तन्हाइयों में हमसे बातें करें... जैसे सन्देश आपको अपने मोबाइलों पर रोज मिलते होंगें और यदि कभी आपने इन नम्बरों पर फोन किया होगा तो पता चला होगा कि आप को चूना लग चुका है. ऐसे सैकड़ों सन्देश मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों द्वारा रोज उपभोक्ताओं को भेजे जातें हैं और रोज लाखों रूपये ये कंपनियां इन फर्जी काल के जरिये करवा रहीं हैं. हद तो यह है कि ये कंपनियां कुछ लड़कियों को बिठा कर अश्लील बातें करवा रहीं हैं और ये धंधा खुले आम चल रहा है. इनसाईट स्टोरी ने एक ऐसे ही सन्देश में दिए गए नंबर पर जब काल कर बात की तो पता चला की कुछ लडकियां अपने फर्जी नामों से बात करती हैं और बात करने वालों को अश्लील बातें करने के लिए उकसाती हैं. कई बार ऐसी काल्स में फंसा कर बाद में ब्लैकमेलिंग और जिस्म फरोशी का काम भी किया जा रहा है. उपभोक्ता इनके चक्कर में फंस कर काफी देर तक बातें करतें हैं. इस प्रकार ये सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां प्रतिदिन मोटी कमाई कर रही हैं. इस बारे में जब किसी सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर केयर में बात की जाती है तो वे  ऐसे किसी सन्देश के उनके नेटवर्क से आये होने से मना कर देतें हैं. डी एन डी (डू नाट डिस्टर्ब) सेवा के चालू होने के बाद भी ये सन्देश उपभोक्ता के मोबाइल तक पहुंच ही जातें हैं. ये सब कैसे होता है समझ से परे है और इन संदेशों का रिकार्ड होने  से ये कंपनियां साफ़ मना क़र देती हैं. मोबाइल ही नहीं समाचार पत्रों में भी ऐसे कई विज्ञापन भरें होते हैं जिनमें दोस्त बना फोन पर बात करवाई जाती है. ये विज्ञापन पहले महानगरों से छपते थे लेकिन अब ऐसे कई क्लब जो फोन पर दोस्ती करवातें हैं छोटे शहरों में भी मिल जायेंगें. यहाँ दोस्ती के नाम पर खुला जिस्म फरोशी का धंधा भी चलाया जाता है. इन मोबाइल कंपनियों और दोस्ती के क्लबों के लिए कोई नियम क़ानून भी नहीं हैं. इस प्रकार के धंधों के जाल में फंसने वाले भी इसकी शिकायत नहीं करना चाहतें हैं. बकायदा पुलिस और राजनीतिक संरक्षण भी इन्हें प्राप्त है. तन्हाई में हो तो मुझसे दिल की बातें करें जैसे संदेशों से सावधान कहीं आप किसी मुसीबत में ना फंस जाएँ. 



(इनसाईट स्टोरी टीम)

शनिवार, 7 जुलाई 2012

आपका मोबाइल फोन हो सकता है हैक

ओह ये क्या मैंने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया और मेरे पैसे कट गए ऐसी समस्या से मोबाइल रखने वाले रोज दो चार होते ही रहतें हैं. यदि आपको लगता है कि आपके मोबाइल फोन का बिल ज्यादा आ रहा है या पैसा ज्यादा कट रहे है तो तुरंत सावधान होने की जरूरत है क्योंकि आप शैतानी सॉफ्टवेयर मालवेयर के शिकार हो सकते हैं. अधिकाँशत: लोग ये सोचते हैं कि कम्प्यूटर पर काम करते वक्त ही वायरस या फिर मालवेयर के शिकार होते हैं तो वे लोग अपनी इस सोच को बदल लें क्योंकि आईटी विशेषज्ञों और टेलीकॉम क्षेत्र से जुड़े जानकारों के मुताबिक देश में वे मोबाइल फोन उपभोक्ता मालवेयर के शिकार हो रहे हैं जो मोबाइल से इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर फेसबुक, ऑरकुट और ट्विटर का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर मोबाइल वायरस के शिकार हो रहे हैँ।

मालवेयर क्या है? मालवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो आपकी इजाजत के वगैर आपके मोबाइल फोन पर जाकर बैठ जाते हैं और कुछ परिस्थितियों में आपके डॉटा को आपकी इजाजत के बगैर मोबाइल के बाहर भेजते हैं। कई बार मालवेयर की वजह से आपके मोबाइल फोन का बिल बढ़ जाता है और अनावश्यक कॉल आती है.
एक आईटी विशेषज्ञ के अनुसार ग्राहकों को कभी +92 जैसे कुछ अजीबोगरीब नंबरों से फोन कॉल आने की यही वजह है कि फोन मालवेयर का शिकार हो गया है. कॉल उठाने पर फोन से पैसे कट जाते है. यही नहीं यह मालवेयर इतने ताकतवर होते है कि कई मामलों में देखा गया है कि मालवेयर हमलावर आपके फोन पर कब्जा कर कंपनी की बिलिंग प्रणाली से जुड़कर आपके मोबाइल फोन का बिल भी बढ़ा देते है. एंटी वायरस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी एवीजी टेक्नोलॉजी के सर्वेक्षण में भी मोबाइल फोन पर सबसे ज्यादा मालवेयर हमलों का खुलासा हुआ है. मालवेयर से संक्रमित मोबाइल फोन का ग्राहक जब सोशल मीडिया पर जाता है और अपनी प्रोफाइल खोलने के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल करता है तो मालवेयर तुरंत आपका पासवर्ड चुराकर आपसे जुड़ी सारी जानकारियां चुरा लेते है. अगर आपको अपने फोन की सुरक्षा की परवाह नहीं की तो संभावना है कि आपको नुकसान हो सकता है। आज के समय में सिर्फ कंप्यूटर में ही नहीं बल्कि मोबाइल फोन में भी एंटी वायरस सॉफ्टवेयर प्रयोग करने की जरूरत है. ब्लू टूथ का इस्तेमाल करने से भी वायरस का शिकार हो सकते हैं ब्लूटूथ से सबसे ज्यादा संक्रमण होता है. इसके अलावा फेसबुक पर भी फर्जी प्रोफाइल के जरिए मालवेयर हमले देखने को मिल रहे हैं। इसमें लुभावने ऑफर देकर आपको जाल में फंसाया जाता है. लुभावने आफरों के जरिए भेजे गए मालवेयर सॉफ्टवेयर में इतनी क्षमता होती है कि वह आपके सिम कार्ड को अपने मनमुताबिक काम में लेकर इसका दुरुपयोग कर सकते हैं. एंड्रायड क्षमता युक्त फोनों में एंड्रायड मार्केट से मुफ्त में एंटी वायरस और एंटी मालवेयर साफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं. 
(आशुतोष पाण्डेय)