रविवार, 16 जून 2013

हुस्न के जाल में दिल्ली! खरीददार महिलाएं

जी हाँ ये हुस्न भी कब कातिल बन जाए कोई नहीं जानता लेकिन आज हुस्न का भी प्रोफेशनल यूज किया जा रहा है. दिल्ली की बालाएं जहां कई दिलों को धकड़ा रहीं हैं वहीं कई जेबों की तराशी भी कर रही हैं। हुस्न और अदाओं का बाजार सजा रहता है जब जो चाहे आये और खरीद ले. एस्कार्ट सर्विस के नाम पर दिल्ली के हर कोने में ये बालाएं तैयार मिलती हैं. बुकिंग नेट से, एस एम एस, फोन या फिर दलालों के जरिये की जा सकती है. एक खासे प्रोफेशनल की तरह इनके भी समय, स्टेट्स और लोकेशन के अनुसार दाम तय हैं। इस बाजार में कौन बिक रहा है और कौन खरीद रहा है ये जान पाना मुश्किल है. फीमेल एस्कार्ट ही नहीं मेल एस्कार्ट भी इस प्रोफेशन में हैं और उनकी बड़ी डिमांड है. एक अनुमान के अनुसार दिल्ली और एनसीआर के इलाके में करीब 800 मेल एस्कार्ट सर्विस हैं। इसका मतलब क्या निकाला जाय क्या महिलाएं भी हुस्न और सेक्स के बाजार में खरीददार हैं, जी बिलकुल मेल एस्कार्ट का धंधा जिस रफ्तार से चल पड़ा है उसके अनुसार तो महिला ग्राहकों की संख्या भी कम नहीं हैं। एक विशेष अभियान के तहत जब एक मेल स्ट्रिपर से बात की तो काफी दिलचस्प बात सामने आयीं हैं, एक मेल स्ट्रिपर को एक बार में 10,000 से 30,000 मिलता है. ये मेल स्ट्रिपर कई बार तो एक ग्रुप के द्वारा भी बुक करवाए जातें हैं. 

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