शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

अब मेरी दिल्ली

मेरी दिल्ली दो पाटों के बीच में पिस रही है। एक ओर केजरीवाल और दूसरी ओर केंद्र में मोदी। लोकसभा में दिल्ली ने भाजपा पर भरोसा जताया लेकिन कुछ महीनों में ही भाजपा से ऐसी दुश्मनी कर ली कि भाजपा 5% सीट भी विधान सभा में नहीं जुटा पाई। मोदी के मैजिक का दिल्ली ने रस निकाल दिया। लेकिन अब केजरीवाल 2 महीने में ही अपनों की लड़ाई से परेशान हैं। अब देखना है ये दो पाट दिल्ली को कितना पीसते हैं।