शनिवार, 29 अप्रैल 2017

संत रामपाल के समर्थक किसकी CBI जांच की मांग कर रहे हैं

जंतर मंतर पर 588 दिन से बैठे रामपाल के समर्थक। फोटो: इनसाईट स्टोरी 
संत रामपाल जो पिछले 2 सालों से हिसार जेल में बंद हैं, उनके समर्थक अब सीबीआई जांच की मांग कर रहें हैं, जुलाय 2006 में करोंथा आश्रम में हुए एक व्यक्ति की मौत के मामले में रामपाल और उनके अनुयायिओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. असल में आर्य समाजियों और संत रामपाल के बीच विवाद होते रहें हैं.
यह घटना भी आर्यसमाजियों और रामपाल के समर्थकों के बीच हुयी झडप का परिणाम बताया जाता रहा है. इसी केस में हाई कोर्ट चण्डीगढ़ के द्वारा बार बार संत रामपाल के खिलाफ समन जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश में ना होने के बाद हरियाणा पुलिस को जबरन बरवाला आश्रम खाली करवाना पडा था, इस कार्रवाई में पुलिस के अनुसार हजारों भक्तों को मुक्त करवाया गया और आश्रम से काफी मात्रा में हथियार भी मिले, इस दौरान कुछ लोग भी मारे गए. तब से अपने कई समर्थकों के साथ रामपाल हिसार जेल में बंद हैं और उनके ऊपर कई नये केस भी दर्ज किये गये हैं. अब पिछले करीब डेढ़ साल से उनके समर्थक जन्तर मन्तर दिल्ली में धरने पर बैठे हैं,
समर्थक खुद को रामपाल का अनुयायी बताते हैं, उनका आरोप है कि पुलिस और न्याय पालिका दोनों ने रामपाल के खिलाफ आर्यसमाज की शह पर ये मुकदमे दर्ज किये हैं, समर्थक कई जजों को भी कठघरे में खडा कर रहे हैं उनका कहना है कि जज पहले से रामपाल के खिलाफ विचार बना कर बैठे हैं और उसी अनुसार फैसले ले रहें हैं, उनके ये आरोप सेसन जज से लेकर हाई कोर्ट के जज तक के खिलाफ हैं.
देश के कोने कोने से आये अनुयायी: सीबीआई जांच की मांग करते। फोटो: इनसाईट स्टोरी 

रामपाल द्वारा स्वामी दयानन्द पर टिप्पणी
अब संत रामपाल के समर्थक सभी केसों में सीबीआई जांच की मांग कर रहें हैं, उनका मानना है कि बिना सीबीआई जांच के सच सामने नहीं आ सकता है. यहाँ समर्थक न्यायपालिका के साथ प्रधानमंत्री मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर पर भी संत रामपाल के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप लगा रहें है.
सत्यार्थ प्रकाश पर रामपाल के विचार
रामपाल के द्वारा सत्यार्थ प्रकाश के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोला गया था कई उदाहरणों के द्वारा वे स्वामी दयानन्द सरस्वती की रचना को झूठलाने का प्रयास किया है. जंतर मन्तर पर उनके समर्थक लोगों को रामपाल साहित्य और CD बाँट कर उन्हें निर्दोष बता रहें हैं.
संतों के खिलाफ कई आरोप पहले भी लगते रहें हैं और उनके भक्त हर बार उन्हें निर्दोष बताते रहें हैं, चाहे मामला आसाराम का हो या रामपाल का. बड़े आश्रम और लाखों भक्त बना लेने के बाद भी इन संतों पर आरोप लगते रहें हैं. चाहे मामला अवैध कब्जे का हो या फिर व्यभिचार का इन तथाकथित संतों पर अंगुलियाँ उठती रही हैं. लेकिन रामपाल के समर्थक इसके उलट उनको तत्वदर्शी बताते हैं और उनके समर्थन में कड़ी धूप में भी जंतर मंतर पर बैठे हैं, इन समर्थकों में देश के कोने कोने से आये लोग हैं जिसमें पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं. समर्थक इस संदर्भ में राष्ट्रपति से भी हस्तक्षेप की मांग कर रहें हैं. वे बिना सीबीआई जांच धरना छोड़ने को तैयार नहीं दिख रहें हैं. लेकिन ना ही हरियाणा सरकार या केंद्र सरकार उनकी किसी बात को तव्वजो दे रही है.
मामला न्यायालय में है और सीबीआई जांच इस मामले में कराई जाए ऐसी आवश्यकता ना ही हाई कोर्ट  चंडीगढ़ मानता है और ना ही हरियाणा सरकार, और बिना इन पक्षों की की आज्ञा या हस्तक्षेप के सीबीआई जांच संभव नहीं है.

शनिवार, 22 अप्रैल 2017

चाय के ठेले पर वाई फाई हॉटस्पॉट

फोटो: गूगल साभार 
आपके लिए एक बड़ा अपडेट आ रहा है, सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलेमैटिक (C-DoT) की ओर से उसने एक पब्लिक डेटा ऑफिस सॉल्यूशन डेवेलप किया है. इस तकनीक को डेवेलप करने में 50,000 रुपये तक की लागत आयी है. इस तकनीक के जरिये किराने की दुकान या फिर चाय के ठेले पर आपको वाई फाई सुविधा मिलेगी, दस रूपये से कम की कीमत पर इन जगहों पर डाटा बेचा जाएगा. ये सर्विस e-KyC (जैसे आधार वेरिफिकेशन), ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) ऑथेंटिकेशन और साथ ही वाउचर के रुप में भी मिलेगी. यहाँ अभी ये सपष्ट नहीं है कि किस प्रकार ये ठेले वाले या किराने की दुकान चलाने वाले इस सुविधा को ग्राहकों तक पहुंचा पायेंगे और इसके एवज में उनको कितना कमीशन मिलेगा. लेकिन ये तय है कि ये अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने में कामयाब होगा. 
Tech Master 

शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

भीम एप ने 2 करोड़ डाउनलोड का आकड़ा पार किया

नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन पेमेंट के लिए भीम (BHIM) भारत इंटरफ़ेस फॉर मनी एप 30 दिसम्बर 2016 को जारी किया था. अब तक इस एप को 2 करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके है, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त ने ये जानकारी दी . भीम एप के द्वारा UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस) के जरिये आप अपने सभी लेनदेन बिना बैंक अकाउंट की जानकारी दिए कर सकते हैं. इसके लिए आपका बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल न. UPI एड्रेस की तरह काम कर सकता है, इसके अतिरिक्त आप अपना कोई विशेष UPI एड्रेस भी बना सकते हैं. किसी को पैसा भेजना हो या मंगाना हो दोनों काम इससे बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं, स्मार्टफोन पर ऑनलाइन या फीचर फोन पर यूएसएसडी के जरिये भी आप इस एप का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन एक समय में इस एप के जरिये केवल एक बैंक अकाउंट को चला सकते हैं. इस एप के इस्तेमाल के लिए शर्त ये है कि इसका इस्तेमाल उस मोबाइल से ही कर सकते हैं जिसमें बैंक अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड सिम हो और सिम में पर्याप्त बैलेंस हो. स्मार्टफोन पर इसके इस्तेमाल के लिए एक UPI पिन बनाना होता है, इस पिन को जनरेट करने के लिए आपको अपने डेबिट कार्ड के डिटेल जैसे कार्ड संख्या और एक्सपायरी डेट की जानकारी देनी होती है. इस एप का प्रयोग एंड्राइड, आईओएस प्लेटफॉर्म के जरिये किया जा सकता है.

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